MP Samvida Shikshak Varg 3 Syllabus 2021
मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा
सिलेबस हिंदी में
MP Samvida Shikshak Varg 3 Syllabus 2021
MP TET grade 3 syllabus in hindi
स्वागत है दोस्तों मेरे ब्लॉग में
आज की इस पोस्ट में हम मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा का
सिलेबस देखेंगे।
MPPEB ने आधिकारिक अधिसूचना के साथ MP Samvida Shikshak Varg 3 Syllabus 2021 और परीक्षा पैटर्न जारी किया है। आधिकारिक साइट पर एमपी प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए अधिकांश उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। इस प्रकार यह आवश्यक है कि पहले एमपी संविदा शिक्षक वर्ग 3 परीक्षा के पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को समझें और फिर उसके अनुसार तैयारी शुरू करें।
आप सब लोग हिंदी भाषा से अच्छी तरह
से परिचित हैं, वे एमपी संविदा शिक्षक वर्ग 3 पाठ्यक्रम हिंदी में भी पढ़ सकते
हैं। आप इस पोस्ट के अंत में एमपी संविदा शिक्षक वर्ग 3, 2021 का पीडीएफ हिंदी और
अंग्रेजी में भी डाउनलोड कर सकते हैं।
MP Samvida Shikshak Varg 3 Exam Pattern 2021
बाल विकास और शिक्षाशास्त्र - 30
प्रश्न
भाषा -
हिंदी/अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू - 30 प्रश्न
भाषा - हिंदी/अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू
- 30 प्रश्न
गणित - 30 प्रश्न
पर्यावरण अध्ययन - 30 प्रश्न
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MP संविदा वर्ग 3 बाल विकास और शिक्षाशास्त्र पाठ्यक्रम
MP TET Bal vikas syllabus
MP Grade 3 Child Development and Pedagogy Syllabus
(A) बाल विकास (15 प्रश्न)
👉 बाल विकास की अवधारणा एवं इसका अधिगम से संबंध
👉 वृद्धि और विकास को प्रभावित करने वाले कारक
👉 बाल विकास के सिद्धांत
👉 वंशानुक्रम एवं वातावरण का प्रभाव।
👉 पियाजे , पावलॉव, कोहलर और थार्नडाइक रचना और आलोचनात्मक स्वरुप
👉 समाजीकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक जगत और बच्चे (शिक्षक,अभिभाबक और सहपाठी)
👉 बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा
👉 बालकों का मानसिक स्वस्थ्य एवं व्यवहार सम्बन्धी समस्याएं
👉बुद्धि की रचना का आलोचनात्मक स्वरुप और उसका माप, और बहुआयामी बुद्धि ।
👉व्यक्तित्व और उसका माप।
👉भाषा और विचार।
👉एक सामाजिक निर्माण के रूप में जेंडर और जेंडर कीभूमिका, लिंग भेद , और शैक्षिक प्रथाएं।
👉अधिगमकर्ताओं में व्यक्तिगत भिन्नताएं , भाषा, जाति, लिंग, सम्प्रदाय , धर्म आदि कीविषमताओं पर आधारित भिन्नताओं की समझ।
👉अधिगम के लिए आकलन और अधिगम का आकलन में अंतर, कक्षा के आधार पर आकलन, सतत और समग्रमूल्यांकन, स्वरुप और प्रथाएं (मान्यताएं)।
👉अधिगमकर्ताओं
की तैयारी के स्तर के आंकलन हेतु उपयुक्त प्रश्नो का निर्माण, कक्षा-कक्ष में अधिगम
को बढ़ाने आलोचनात्मक चिंतन तथा अधिगमकर्ता की उपलब्धि के आंकलन के लिए।
(C) अधिगम और शिक्षाशास्त्र (पेडागाजी) (10 प्रश्न)
👉बच्चे कैसे सोचते और सीखते हैं; वे शाला प्रदर्शन में क्यों और कैसे असफल होते हैं।
👉शिक्षणऔर अधिगम की मूलभूत प्रक्रिया, बच्चों के अधिगम की रणनीतियां, अधिगम एक सामाजिक प्रक्रिया के रूप में , अधिगम का सामाजिक संदर्भ।
👉समस्या समाधानकर्ता और वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बच्चा।
👉बच्चों में अधिगम (सीखने) की वैकल्पिक धारणाएँ, बच्चों की गलतियों को अधिगम प्रक्रिया में सार्थक कड़ी के रूप में समझना। अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक: ध्यान और रुचि।
👉संज्ञान और संवेग।
- अभिप्रेरणा और अधिगम ।
- अधिगम (सीखने) में योगदान करने वाले कारक - व्यक्तिगत और पर्यावरण।
- निर्देशन और परामर्श।
- अभिक्षमता (योग्यता) और उसका मापन।
- स्मृति और विस्मृति।
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MP Samvida Varg 3 हिंदी का पाठयक्रम (30 प्रश्न)
MP TET Hindi Syllabus
(A) भाषायी समझ/अवबोध (15 प्रश्न)
- भाषायी समझ / अवबोध के लिए दो अपठित दिए जायेंगे जिसमे एक गद्यांश (नाटक/ एकांकी / घटना/ निबंध/ कहानी आदि ) और दूसरा अपठित पद्य के रूप में हो, इस अपठित से समझ/ अवबोध, व्याख्या, व्याकरण, एवं मौखिक योग्यता से सम्बंधित प्रश्न किये जायेंगे।
- गद्यांश - साहित्यिक, वैज्ञानिक, सामाजिक समरसता, तात्कालिक घटनाओं पर आधारित हो सकते हैं।
(B) भाषाई विकास हेतु शिक्षा शास्त्र (हिंदी शिक्षा शास्त्र ) (15 प्रश्न)
- भाषा सीखना और ग्रहणशीलता
- भाषा शिक्षण के सिद्धांत
- भाषा शिक्षण में सुनने, बोलने की भूमिका; भाषा के कार्य और बच्चे भाषा का प्रयोग कैसे करते हैं।
- मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति के अंतर्गत भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका।
- भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनोतियाँ,कठिनाइयाँ, त्रुटियाँ एवं क्रमबद्धता।
- भाषा के चारो कौशल (बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना) का मूल्यांकन।
- कक्षा में शिक्षण-अधिगम सामग्री: पाठ्यपुस्तक, दूर संचार (दृश्य एवं श्रव्य) सामग्री, बहुकक्षा स्त्रोत।
- पुनः शिक्षण
MP Samvida Varg 3 English Language Syllabus
MP TET English Syllabus
Comprehension (15 Questions)
- Two unseen prose passages (discursive or literary or narrative or scientific) with questions on comprehension, grammar and verbal ability.
Pedagogy of language development (15 Questions)
- Learning and acquisition of language
- Principles of second language teaching
- Language skills-listening, speaking, reading, writing
- Role of listening and speaking, the function of language and how children use it as a tool
- The role of grammar in learning a language for communicating ideas verbally and in writing form
- Challenges of teaching language in a diverse classroom, language difficulties
- Teaching-learning materials, textbook, multimedia materials multilingual resource of the classroom
- Evaluating language comprehension and proficiency: listening, speaking, reading and writing
- Remedial teaching (Re- teaching)
MP Samvida Varg 3 संस्कृत का पाठयक्रम (30 प्रश्न) Syllabus
MP TET Sanskrit Syllabus in Hindi
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(A) भाषायी समझ/अवबोध - (15 प्रश्न)
- भाषा समझ /अवबोध के लिए दो अपठित दिए जायेंगे जिसमे (नाट्यांश / निबंध /कथा आदि से) तथा
- दूसरा अपठित पद्य के रूप में , इन अपठत में से समझ/अवबोध, व्याकरण और मौखक योयता से सम्बंधित प्रश्न किये जायेंगे।
(B) भाषा विकास का शिक्षण (15 प्रश्न)
- भाषा सीखना और ग्रहणशीलता
- भाषा शिक्षण के सिद्धांत
- भाषा शिक्षण में सुनने, बोलने की भूमिका; भाषा के कार्य और बच्चे भाषा का प्रयोग कैसे करते हैं।
- मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति के अंतर्गत भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका।
- भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनोतियाँ,कठिनाइयाँ, त्रुटियाँ एवं क्रमबद्धता।
- भाषा के चारो कौशल (बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना) का मूल्यांकन।
- कक्षा में शिक्षण-अधिगम सामग्री: पाठ्यपुस्तक, दूर संचार (दृश्य एवं श्रव्य) सामग्री, बहुकक्षा स्त्रोत।
- पुनः शिक्षण
एमपी संविदा वर्ग 3 गणित पाठ्यक्रम
MP TET Math Syllabus in Hindi
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(A)
विषयवस्तु (15 प्रश्न)
- संख्या पद्धति - 1000 से बड़ी संख्याओं को पढ़ना और लिखना, 1000 से अधिक बड़ी संख्याओं के स्थानीय मान की समझ और चार मूलभूत संक्रियाएँ।
- जोड़ व घटाना - 5 अंकों तक की संख्याओं का जोड़ना और घटाना।
- गुणा - 2 या 3 अंकों तक की संख्याओं का गुणन।
- भाग - दो अंकों की संख्याओं का चार अंकों की संख्याओं में भाग देना।
- भिन्न - भिन्न की अवधारणा, उसका सरलतम रूप, समभिन्न, विषमभिन्न आदि। भिन्न का जोड़, घटाना, गुणा और भाग, समतुल्य भिन्न, दशमलव संख्याओं को भिन्न में परिवर्तन और भिन्न को दशमलब में परिवर्तित करना।
- लंबाई, भार और आयतन की छोटी और बड़ी इकाइयों के बीच संबंध।
- बड़ी इकाइयों को छोटी इकाइयों में परिवर्तन और छोटी इकाइयों को बड़ी इकाइयों में परिवर्तन।
- ज्ञात इकाइयों में किसी ठोस का आयतन ज्ञात कीजिए।
- पैसा, लंबाई, भार, आयतन और समय अंतराल पर आधारित प्रश्नों में गणित की चार बुनियादी संक्रियाओं का उपयोग करना।
- मीटर का सेंटीमीटर में रूपांतरण और सेंटीमीटर का मीटर में रूपांतरण ।
- पैटर्न - संख्याओं से संबंधित पैटर्न की समझ बढ़ाना, पैटर्न का निर्माण और संचालन के आधार पर इसका सामान्यीकरण, त्रिकोणीय संख्याओं और वर्ग संख्याओं के पैटर्न का पता लगाना।
- ज्यामिति - मौलिक ज्यामितीय अवधारणाएं, किरणें, रेखा-खंड, कोण (कोण का वर्गीकरण), त्रिभुज (त्रिभुज का वर्गीकरण - (1) भुजाओं के आधार पर, (2) कोणों के आधार पर, (3) योग त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता है।)
- वृत्त के केंद्र, त्रिज्या और व्यास की पहचान।
- वृत्त, त्रिज्या और व्यास के बीच संबंध, सममित आकृति, समांतर रेखाओं की समझ और परिवेश के आधार पर लंबवत रेखाओं की समझ।
- दी गई आकृतियों को एक इकाई मानकर सरल ज्यामितीय आकृतियों (त्रिभुज, आयत, वर्ग) का क्षेत्रफल और परिमाप ज्ञात करना।
- परिवेश में 2डी आंकड़ों की पहचान।
- दैनिक जीवन से संबंधित विभिन्न आंकड़ों का संग्रह।
- घंटे और मिनटों में घड़ी का समय पढ़ना और AM और PM में इसको दर्शाना।
- 24 घंटे की घड़ी का 12 घंटे की घड़ी से संबंध।
- दैनिक जीवन की घटनाओं में समय अंतराल की गणना ।
- गुणा और भाग में पैटर्न की पहचान।
- सममिति पर आधारित ज्यामितीय पैटर्न।
- एक बार ग्राफ ( दंड आलेख) के माध्यम से डेटा का प्रतिनिधित्व और निष्कर्ष निकालना।
(B) शैक्षणिक मुद्दे (Pedagogical Issues) (15 प्रश्न)
- गणितीय शिक्षा के माध्यम से चिंतन और तर्क करने की शक्ति का विकास करना।
- पाठ्यक्रम में गणित का स्थान।
- गणित की भाषा।
- प्रभावी शिक्षण के लिए परिवेश के आधार पर उपयुक्त शिक्षण सामग्री का निर्माण और इसके उपयोग की क्षमता का विकास।
- मूल्यांकन के नए तरीकों, निदानात्मक परीक्षण और पुन: शिक्षण की क्षमता के नए तरीकों का निर्माण।
- कक्षा शिक्षा में नई गणितीय शिक्षण विधियों का उपयोग करने की क्षमता.
MP Samvida Varg 3 Environmental Study Syllabus
MP TET EVS Syllabus in Hindi
एमपी संविदा वर्ग 3 पर्यावरण अध्ययन पाठ्यक्रम
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(A) विषयवस्तु (20 प्रश्न)
हमारा परिवार, हमारे दोस्त -
पारिवारिक
और सामाजिक सहसंबंध - परिवार के
बुजुर्गों, बीमार, किशोर सदस्यों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की देखभाल और उनके
प्रति हमारी संवेदनशीलता।
हमारे पशु - पक्षी - हमारे पालतू
पशु, माल वाहक पशु और हमारे आसपास के
जानवरों पर प्रदूषण का प्रभाव।
हमारे पेड़ - पौधे - स्थानीय
वनस्पतियां, मनुष्यों और पौधों की अन्तः निर्भरता , वनों की सुरक्षा और उनकी आवश्यकता
और महत्व; और पौधों पर प्रदूषण का प्रभाव।
हमारे प्राकृतिक संसाधन - प्रमुख प्राकृतिक संसाधन और उनका संरक्षण; ऊर्जा के पारंपरिक और नवीकरणीय और अनवीकरणीय स्रोत
खेल और गतिविधियाँ
खेल, विज्ञान और योग।
पारिवारिक त्यौहार, मनोरंजन के
विभिन्न साधन - पुस्तकें, कहानियाँ, कठपुतली नृत्य, मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम और
स्कूल में महत्वपूर्ण दिवसों का मनाया जाना।
विभिन्न उद्योग और व्यवसाय।
आवास
पशु,
पक्षी और इंसान के अलग-अलग घर, स्वस्थ जीवन के लिए घर की आवश्यकता और घर की
विशेषताएं।
स्थानीय
इमारतों , सार्वजनिक संपत्ति, राष्ट्रीय विरासत और उनकी देखभाल की सुरक्षा।
उत्कृष्ट
मकान और उसके निर्माण में प्रयुक्त सामग्री, निर्माण सामग्री की गणना करना।
शौचालयों की स्वच्छता, पर्यावरण की सफाई और अच्छी आदतें।
हमारा भोजन और आदतें
भोजन की
आवश्यकताऔर उसके घटक।
फलों और
सब्जिओं का महत्व, पौधे के भागों के आधार पर फल और सब्जियां।
भोज्य
पदार्थों का एक स्वस्थ संयोजन।
विभिन्न
आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए भोजन और अंतर्ग्रहण का सही समय।
भोजन की
स्वच्छता और सुरक्षा के उपाय।
खाद्य संसाधनों की सुरक्षा।
पानी और वायु प्रदूषण और संक्रमण
जीवन के
लिए स्वच्छ जल और स्वच्छ वायु की आवश्यकता।
स्थानीय
मौसम, जल चक्र और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और जलवायु परिवर्तन में हमारी भूमिका।
पानी के
स्रोत, उसका सुरक्षित रख-रखाव तथा संरक्षण एवं पोषण के तरीके।
संक्रमित
वायु और पानी से होने वाले रोग, उनका उपचार और रोकथाम, अन्य संक्रामक रोग।
हवा,
पानी, भूमि, का प्रदुषण और उससे सुरक्षा, विभिन्न अपशिष्ट पदार्थों और उनका
प्रबंधन, उचित निपटान।
आपदा,
बाढ़, सूखा आदि से सुरक्षा और रोकथाम के उपाय और आपदा प्रबंधन।
प्राकृतिक संसाधनों का सतत प्रबंधन - संसाधनों, डीजल, पेट्रोलियम की खपत और जीविका आदि का उचित दोहन।
प्राकृतिक वस्तुएं और उपज
मिट्टी,
पानी, बीज और फसल, जैविक-रासायनिक उर्वरक का संबंध।
विभिन्न
फसलें और उनके उत्पादन क्षेत्र।
फसल
उत्पादन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कृषि कार्य एवं उपकरण।
मानव
निर्मित साधन और उसके क्रियाकलापों का प्रभाव।
वनों की
कटाई और शहरीकरण और पारिस्थितिक संतुलन पर इसका प्रभाव।
ओजोन
क्षय , अम्ल वर्षा, ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीन हाउस प्रभाव आदि के वैज्ञानिक कारण और
समाधान।
पॉलीथिन
और प्लास्टिक का उपयोग और उनके डीकंपोजिंग एजेंट (अपघटक अपमार्जक)
जीवाश्म
ईंधन के उपयोग का प्रभाव।
आपदा प्रबंधन।
अंतरिक्ष विज्ञान
अंतरिक्ष
वैज्ञानिकों का परिचय और अंतरिक्ष में उनके जीवन का अनुभव।
अंतरिक्ष
जीवन से जुड़े वैज्ञानिक तथ्य और जीवन की संभावनाएं।
अंतरिक्ष यान, अंतरिक्ष की खोज और भविष्यवाणियां।
(बी) शैक्षणिक मुद्दे (Pedagogical issue) (10
प्रश्न)
- पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा और आवश्यकता।
- पर्यावरण अध्ययन का महत्व, समेकित पर्यावरण शिक्षा।
- पर्यावरण अध्ययन के सूत्र और उनके दायित्व।
- पर्यावरण शिक्षा का विज्ञान और सामाजिक विज्ञान से संबंध।
- अवधारणा के स्पष्टीकरण के लिए प्रविधियां और गतिविधियां।
- परिवेशीय भृमण, प्रयोगात्मक कार्य, प्रोजेक्ट कार्य और उनका महत्व।
- चर्चा, वाद-विवाद (परिचर्चा), प्रस्तुतिकरण और समूह शिक्षण के माध्यम से सीखना।
- सतत व्यापक मूल्यांकन - शिक्षण के दौरान प्रश्न पूछना, मौखिक और लिखित उत्तर देने के अवसर प्रदान करना, वर्कशीट और एनेक्डॉटल रिकॉर्डर का उपयोग, बच्चों के पोर्टफोलियो का विकास, केस स्टडी और व्यक्तिगत प्रोफ़ाइल से शैक्षिक व्यस्थाएं।
- पर्यावरण शिक्षा में शिक्षण सामग्री/सहायक सामग्री और इसका अनुप्रयोग।
- स्थानीय परिवेश की पर्यावरणीय समस्याएं और उनके समाधान खोजने की क्षमता का विकास।