कम्प्यूटर के प्रकार –
कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं ?
Types of
Computer in Hindi
इस पोस्ट मैं हम पढ़ेंगे की कंप्यूटर को कितने भागों मैं वर्गीकृत किया गया है। कंप्यूटर को मुख्यतः तीन प्रकार से वर्गीकृत करके हम अध्यन करते हैं।
1.
एनालॉग कंप्यूटर (Analog)
2.
डिजिटल कंप्यूटर (Digital)
3.
हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid)
1.
माइक्रो कंप्यूटर (Micro)
2.
मिनी कंप्यूटर (Mini)
3.
मेनफ़्रेम कंप्यूटर (Mainframe)
4.
सुपर कंप्यूटर (Super)
उद्देश्य के आधार पर दो भागों मैं बांटा गया है
1.
सामान्य उद्देश्य (General Purpose)
2.
विशिष्टय उद्देश्य (Special Purpose)
अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार -
1. एनालॉग कंप्यूटर (What are Analog Computers)
एक
ऐसी मशीन है जो भौतिक राशियों जैसे दाब, तापमान,
लम्बाई, ऊँचाई आदि को मापता है। इस कंप्यूटर
की कार्यक्षमता तेज होती है।
एनालॉग कंप्यूटर, उपकरणों का कोई भी वर्ग जिसमें लगातार परिवर्तनीय भौतिक मात्राएं जैसे कि विद्युत क्षमता, द्रव दबाव, या यांत्रिक गति को हल करने के लिए समस्या के व मात्रा के अनुरूप एक प्रकार से दर्शाया जाता है। एनालॉग सिस्टम को प्रारंभिक स्थितियों के अनुसार सेट किया गया है और फिर स्वतंत्र रूप से बदलने की अनुमति दी गई है।
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Image From Wikipedia |
डिजिटल कंप्यूटर, असतत रूप में सूचना को
प्रोसेस करके समस्याओं को हल करने में सक्षम होता है । यह डेटा पर परिमाण,
अक्षर, और सिम्बल्स सहित कार्य करता है, जो कि बाइनरी कोड 0 एवं 1 में
व्यक्त किए गए हैं - यानी, केवल दो अंकों का उपयोग करके इन निर्देशों के एक सेट के
अनुसार इन अंकों या उनके संयोजनों की गणना, तुलना और परिवर्तित करके इसकी स्मृति
में, एक डिजिटल कंप्यूटर औद्योगिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने और मशीन के
संचालन को मैनेज करने जैसे कार्य कर सकता है।
डिजिटल कंप्यूटर की कार्य करने की गति एनालॉग कंप्यूटर से धीमी होती है लेकिन इनके परिणाम अधिक शुद्ध व विश्वशनीय होते हैं।
3. हाइब्रिड कम्प्यूटर (What are Hybrid Computers)
हाइब्रिड कंप्यूटर डिजिटल और एनालॉग दोनों कंप्यूटर सिस्टम
का मिश्रण है क्यों की इस कंप्यूटर में दोनों एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर की
विशेषता शामिल हैं। हाइब्रिड कंप्यूटर के परिणाम दोनो तरह के कंप्यूटर से अधिक तीव्र
और विश्वशनीय होते हैं।
परंपरागत रूप से, इस कंप्यूटर के एनालॉग घटक जटिल गणितीय
गणनाओं को संभालते हैं एवं डिजिटल घटक सिस्टम के लिए नियंत्रक के रूप में कार्य करने
के अलावा, तार्किक और संख्यात्मक कार्यों का ध्यान रखते हैं।
इनका उपयोग जटिल गणीतिय समीकरण, वैज्ञानिक गणनाए और रक्षा आदि के क्षेत्रों में किया जाता है। पेट्रोल पंप मशीन, आधुनिक स्पीडोमीटर आदि हाइब्रिड कंप्यूटर के उदाहरण हैं।
उद्देशय (Purpose) के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
निम्न दो भागों मैं बांटा गया है –
1. सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर (General Purpose)
वह कंप्यूटर जिसमे नीचे दिए गए सभी सामान्य
काम किये जा सकते हैं वह सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर कहलायेंगे -
इंटरनेट का उपयोग, वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग, गेम खेलना , ईमेल और सोशल मीडिया के माध्यम से संवाद, वेब पेज डिजाइन और निर्माण, वीडियो और संगीत ।
2. विशिष्ठ उद्देश्य कम्प्यूटर
(Special Purpose )
जैसा कि नाम से पता चलता है, एक विशेष उद्देश्य कंप्यूटर को विशिष्ट कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और अधिकांश समय उनका काम एक विशेष समस्या को हल करना है। इस तरह की एक कंप्यूटर प्रणाली अधिक ग्राफिक वाले वीडियो गेम, ट्रैफिक लाइट कंट्रोल सिस्टम, एक विमान में नेविगेशन सिस्टम , मौसम पूर्वानुमान, उपग्रह प्रक्षेपण / ट्रैकिंग, तेल की खोज, और मोटर वाहन इंडस्ट्रीज़ में उपयोग होता है।
आकर के आधार पर कंप्यूटर को निम्न
भागों मैं बांटा गया है
1. माइक्रो कंप्यूटर (What are Micro Computers)
एक माइक्रो कंप्यूटर एक कंप्यूटर है जिसमे CPU (सीपीयू) के साथ एक
माइक्रोप्रोसेसर होता है। यह व्यक्तिगत उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया, एक
माइक्रो कंप्यूटर मेनफ्रेम या मिनीकंप्यूटर से छोटा है।
माइक्रो कंप्यूटर शब्द का आमतौर पर उपयोग नहीं किया जाता है जैसा कि 1970-1980 के दशक के दौरान होता था। अब हम माइक्रो कंप्यूटर को , पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) के नाम से जानते है। जो मुख्यतः सामान्य उपयोगो के साथ हमारे घरों मैं उपयोग होते हैं।
एक माइक्रो कंप्यूटर के सीपीयू में रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM), रीड-ओनली
मेमोरी (ROM) मेमोरी, इनपुट / आउटपुट (I / O) पोर्ट, आंतरिक और बाह्य कनेक्टर्स और
एक मदरबोर्ड शामिल हैं।
1970 में, हेवलेट-पैकर्ड (HP) ने एक माइक्रो कंप्यूटर को एक कैलकुलेटर के
रूप में जारी किया था।
उदहारण - घरों और ऑफिसेस मैं उपयोग होने वाले सामान्य कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर होते हैं।
2. मिनी कंप्यूटर (What are Mini Computers)
मिनी कंप्यूटर, कंप्यूटर जो मेनफ्रेम कंप्यूटर की तुलना में छोटा, कम खर्चीला और कम शक्तिशाली है, लेकिन पर्सनल कंप्यूटर की तुलना में अधिक महंगा और अधिक शक्तिशाली है। मिनी कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग कैलकुलेशन , व्यवसाय-लेनदेन, फ़ाइल हैंडलिंग और डेटाबेस प्रबंधन के लिए किया जाता है, और अक्सर अब इसे छोटे या माध्यम आकार के सर्वर के रूप में संदर्भित किया जाता है।
मिनी कंप्यूटर को 1960 के दशक के मध्य में विकशित किया गया और
इसे पहली बार IBM कंपनी द्वारा विकसित किया गया था। वे मुख्य रूप से
व्यावसायिक उपयोगो और सेवाओं के लिए डिज़ाइन किए गए थे जिन्हें मेनफ्रेम कंप्यूटर
के प्रदर्शन और दक्षता की आवश्यकता होती है। मिनीकंप्यूटर आमतौर पर मध्य-श्रेणी के
सर्वर के रूप में उपयोग किए जाते हैं, जहां वे मध्य-आकार के सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन
संचालित कर सकते हैं और एक साथ कई उपयोगकर्ताओं का समर्थन कर सकते हैं।
इन कंप्यूटर मैं एक साथ कई यूजर उपयोग कर सकते हैं।
Types-
Tabelate, Laptops, Palmtop, Mobile etc
3.मेनफ्रेम कम्प्यूटर (What are Mainframe Computers)
मेनफ्रेम कंप्यूटर एक बड़ी केंद्रीयकृत मशीन है जो एक सर्वर के रूप मैं काम करता है एवं इसमें बड़ी मेमोरी, विशाल स्टोरेज क्षमता होती है। कई उच्च क्षमता के प्रोसेसर शामिल हैं, इसलिए इसमें सामान्य कंप्यूटर सिस्टम की तुलना में तीब्र प्रोसेसिंग पावर है। इसलिए, इनका उपयोग बड़े पैमाने पर आर्गेनाईजेशन जैसे की , वैज्ञानिक अनुसंधान, उच्च सांख्यिकी और जनगणना के आंकड़ों के लिए मेनफ्रेम कंप्यूटर सिस्टम का महत्व बढ़ रहा है, क्योंकि यह कई जटिल कार्यक्रमों को बहुत तेज़ गति से शुद्ध और विश्वासपूर्ण रिजल्ट देने मैं सक्षम है। आज, मेनफ्रेम कंप्यूटर के अधिकांश फेमस विक्रेता IBM, Hitachi, Amdahl, and Unisys. हैं।
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Image from Wikipedia |
4.
सुपरकम्प्युटर (What is a Super Computer)
सुपर कंप्यूटर, अत्यंत शक्तिशाली कंप्यूटर होता है। इस तरह के कंप्यूटरों का उपयोग मुख्य रूप से बहुत बड़े स्तर के वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग कार्यों के लिए किया जाता है, जिनमें अत्यधिक गति वाले कम्प्यूटेशंस की आवश्यकता होती है।इसलिए, अधिकांश सुपर कंप्यूटरों में बहुत बड़ी भंडारण क्षमता होती है, साथ ही साथ बहुत तेज़ इनपुट / आउटपुट क्षमता भी होती है।
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Image From Wikipedia |
सुपर कंप्यूटर में कुछ विशिष्ट विशेषताएं होती हैं। पारंपरिक कंप्यूटरों के विपरीत, उनके पास आमतौर पर एक से अधिक CPU (Central Processing Unit ) होते हैं, जिसमें प्रोग्राम निर्देशों की व्याख्या करने और उचित क्रम में अंकगणितीय और तर्क गणनाएं करने के लिए सर्किट होते हैं। उच्च और तीब्र कैलकुलेशन करने के लिए कई सीपीयू का उपयोग आवश्यक है।
सुपर कंप्यूटर के लिए सामान्य ऍप्लिकेशन्स में जटिल भौतिक गणनाओं या गणितीय मॉडल का परीक्षण करना शामिल है, भविष्यबाणी करना जैसे जलवायु और मौसम, ब्रह्मांड के विकास, परमाणु हथियार और रिएक्टर, नए रासायनिक यौगिक (विशेष रूप से फार्मास्युटिकल प्रयोजनों के लिए), और क्रिप्टोलॉजी। 1990 के दशक में सुपरकंप्यूटिंग की लागत में गिरावट आई, और अधिक व्यवसायों ने मार्किट रिसर्च और अन्य व्यवसाय से संबंधित मॉडल के लिए सुपर कंप्यूटर का उपयोग करना शुरू कर दिया।
1964 में रिलीज़ हुआ CDC 6600 को आमतौर पर पहला सुपर कंप्यूटर माना जाता है।
Arm-powered Fugaku, Japan, 2020 तक दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है।परम - 8000, 1990 में भारत मैं निर्मित पहला सुपर कंप्यूटर है।