कंप्यूटर का इतिहास गुण और सीमायें -
Computer History, and Characters

कंप्यूटर का पूरा अर्थ
What is Full form of computer
- C - Commonly
- O - Operated
- M - Machine
- P- Particularly
- U- Used
- T - Technical
- E - Educational
- R - Research
कंप्यूटर का इतिहास कितना पुराना है
अबेकस - 5000 वर्ष पूर्व (Abacus)
Sabse pahla computer - Abacus
अबेकस का निर्माण लगभग 3000 - 5000 वर्ष पूर्व चीन के वैज्ञानिकोँ ने किया था। एक आयताकार फ्रेम में लोहे की छड़ोँ में लकडी की गोलियाँ लगी रहती थी जिनको ऊपर नीचे करके गणना या केलकुलेशन की जाती थी। यानी यह बिना बिजली के चलने वाला पहला कंप्यूटर था, यह कंप्यूटर जोड़ने और घटाने के काम करता था।
एंटीकाईथेरा - 2000 वर्ष पूर्व (Antikythera)
यह एक खगोलीय कैलकुलेटर था जिसका प्रयोग प्राचीन यूनान में खगोलीय गणनाये करने के लिए किया गया था, एंटीनोथेरा लगभग 2000 साल पुराना है, वैज्ञानिको को यह यन्ज 1901: एंटीकाइथेरा द्वीप पर मिला था।
पास्कलाइन (Pascaline) - सन् 1642
इसे गणित के विशेषज्ञ ब्लेज पास्कल ने सन् 1642 में बनाया यह अबेकस से अधिक गति से गणना करता था। ये पहला मैकेनिक गणना यन्त्र था। इसे मशीन को एंडिंग मशीन (जोड़ने वाली मशीन) कहा जाता था, Blase Pascal की इस मशीन को Pascaline भी कहा जाता है।
जेकार्डस लूम
फ्रेंच जुलाहा जेकार्ड ने जो की कपडे बुनते थे उन्होंने धागो को अपने आप चुनने के लिए पंच कार्ड्स का उपयोग किया।
डिफरेंज इंजन (Difference Engine) - सन् 1822
इसमें प्रोग्राम स्टोरेज के लिए के पंच कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था। यह भाप से चलता था, इसके आधार ही आज के कंप्यूटर बनाये जा रहे हैं इसलिए चार्ल्स बैवेज को कम्प्यूटर का पितामह (Father of computer) कहते हैँ।
हर्मन हॉलरिथ पंचकार्ड
डॉ हर्मन हॉलरिथ ने पंचकार्ड का विकाश किया वह अमेरिका में जनगणना का कार्य कर रहे थे उन्होंने एक मशीन का आविष्कार किया जिसमे डाटा पंचकार्ड पर स्टोर किया जा सकता था।
पंचकार्ड की सफलता के बाद 1896 मैं एक टेबुलटिंग मशीन कंपनी बनाई 1911 मैं यह दूसरी कम्पनीज से मिल गई और 1924 मैं इसका नाम बदलकर IBM (इंटरनेशनल बिज़नेस मशीन ) रखा गया।
बैबेज का एनालिटिकल इंजन
बाद में बैबेज ने एक एनालिटिकल मशीन को विकशित किया जो आटोमेटिक कंप्यूटिंग मशीन थी उसमे मेमोरी थी और जोड़ने के लिए प्रति मिनिट 60 की गति से कार्य करती थी।
Middle Age Computer
मैकेनिकल कंप्यूटर सन 1930 के दशक मैं बनना शुरू हुए। Z1 एक बाइनरी सिस्टम पर आधारित कंप्यूटर था जिसे कोनार्ड जूसे ने 1938 मैं जर्मनी मैं बनाया था।
इसके बाद सन 1941 मैं Z 3 कंप्यूटर बनाया गया जिसे अंकगणितीय इकाई बनाने के लिए इलेक्ट्रो मैकेनिकल बाइनरी डिवाइस के रूप मैं उपयोग किया गया। महान वैज्ञानिक "कोनार्ड जुसे" नें आविष्कार किया था।
हॉवर्ड मार्क 1
मई सं 1944 मैं हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हॉवर्ड आइकन ने IBM के साथ मिलकर पहला इलेक्ट्रो- मैकेनिकल कंप्यूटर बनाया यह ऑटोमेटिक सिक़्वेन्स कंट्रोल्ड कैलकुलेटर था और उसका नाम हॉवर्ड मार्क 1 था।
अनिएक (ENIAC)
(Electronic Numerical Integrator and Calculator) यह सबसे पहला जनरल पर्पस कंप्यूटर था जो पेन्सिलवैनिया यूनिवर्सिटी में जॉन डब्लू Mauchale और J Presper के निर्देशन में बना इसके सलाहकार जान वान न्यूमेनन थे।
यह बहुत बड़ी मशीन थी वजन 30 टन था 18000 वैक्यूम tubes थी।
EDVAC (इलेक्ट्रॉनिक डिस्क्रीट वेरिएबल ऑटोमेटिक कंप्यूटर )
इसको सर्वप्रथम 1945 मैं जॉन वान न्यूमेन ने प्रतिपादित किया था। इस मशीन ने कार्य करना सन 1951 से आरम्भ किया था इस मशीन मैं डेसिमल नंबर की जगह बाइनरी नंबर का उपयोग किया जाता था।
IAS ( इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस स्टडीज ) 1952
एक और नया कंप्यूटर न्यूमेन और उनके सहयोगियों ने इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस स्टडीज मैं 1946 से 1952 के दौरान डिज़ाइन किया। इसमें आधुनिक कंप्यूटर के सरे गुण थे जैसे RAM , मुख्य मेमोरी आदि।
कंप्यूटर की अवधारणा
कंप्यूटर वह इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो ऐसे कार्यो का नियंत्रण एवं प्रोसेस करता है जो या तो लॉजिकल अथवा न्यूमेरिकल शव्दो मैं व्यक्त किये जाते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर एक बहुउद्देशीय प्रोग्रामेबल मशीन है जो कंप्यूटर मेमोरी मैं से बाइनरी निर्देशों को पढ़ती है और बाइनरी डाटा को इनपुट की तरह लेकर प्रोसेस कर के आउटपुट या परिणाम देती है।
कंप्यूटर के महत्वपूर्ण गुण
1. शुद्धता - कंप्यूटर के द्वारा प्रत्येक कार्य शुद्धता से किया जाता है जिसमे गलतियां होने की सम्भावना बहुत काम या ना के बराबर होती है।
2. पुनरावृति :- किसी कार्य या निर्देशों को कंप्यूटर मैं एक बार स्टोर करने के बाद हम उसे जितनी बार चाहें दोहरा सकते हैं।
3. डेलीगेन्सी :- हर कार्य के लिए बराबर श्रम व ध्यान देना।
4. गति :- कंप्यूटर के कार्य करने की गति मानव से बहुत अधिक होती है।
5. संग्रहण :- कंप्यूटर की संग्रह करने की क्षमता बहुत अधिक होती है जो सेकेंडरी मेमोरी के कारन होती है।
6.आकर :- आकर मैं बहुत छोटे जिससे इन्हे कही भी लेकर उपयोग किया जा सकता है।
कंप्यूटर की क्षमताएं
1. निर्णय लेने की क्षमता होती है
2. आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन के साथ साथ बहुत अधिक मात्रा मैं देता और सूचनाओं को संगृहीत कर सकता है।
3. सिग्नल देकर डाटा को सुधारना या परिवर्तित करना।
4. जटिल से भी जटिल कार्य को सरलता से और जल्दी करना।
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