द्वितीयक स्टोरेज डिवाइस (Secondary Memory)
वैकल्पिक रूप से बाहरी मेमोरी और असिस्टेंट मेमोरी ये सभी एक ही नाम हैं , एक सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस एक नॉन वॉलिटल डिवाइस है जो डेटा को तब तक रखती है जब तक वह डिलीट या ओवरराइट नहीं हो जाती। एक हार्ड ड्राइव या एक धीमे SSD को द्वितीयक स्टोरेज के रूप में उपयोग किया जा सकता है PCIe SSD आदि को प्राथमिक भंडारण के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
द्वितीयक मेमोरी को इनडायरेक्टली से इनपुट और आउटपुट डिवाइस
के द्वारा अलग अलग प्रोसेस करके उपयोग में लाया जाता है । यह नॉन -वोलेटाइल प्रकृति
की होती है , अर्थार्थ जब तक कंप्यूटर स्विच ऑफ / पावर कट न हो जाये या फिर फाइल्स
को मैन्युअली डिलीट न किया जाये तब तक डाटा को अपनी मेमोरी में सेव या स्टोर करके रखती
है उसके बाद भले ही डाटा हट जाये । CPU सीधे
द्वितीयक मेमोरी तक नहीं पहुँच सकता है। सबसे पहले, सेकेंडरी मेमोरी का डाटा प्राइमरी मेमोरी मैं जाता है उसके
बाद CPU उसका उपयोग कर सकता है।
इनमें स्टोर Data पावर चले जाने या कंप्यूटर के बंद होने की स्थिति में भी Save रहता है, इसीलिए इन्हें Non-Volatile कहा जाता है।
द्वितीयक मेमोरी के कुछ लक्षण
ये
सेकेंडरी मेमोरी की कुछ विशेषताएं हैं, जो इसे प्राथमिक मेमोरी से अलग करती
हैं -
- यह नॉन-वोलेटाइल है, यानी पावर स्विच ऑफ होने पर
यह डेटा को बरकरार रखता है
- यह टेराबाइट्स तक की क्षमता की होती है
- सेकेंडरी मेमोरी प्राइमरी मेमोरी की तुलना में कम
खर्चीली होती है।
1. हार्ड डिस्क: (Hard Disk)
यह एक सॉलिड स्टेट मेगनेटिक
डिस्क ड्राइव है जिसका उपयोग यूजर डेटा स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसमें संग्रहित
होने वाला डाटा स्थाई प्रकृति का होता है।
इसको हार्ड ड्राइव के रूप में भी जाना जाता है। यह एक मेगनेटिक डिस्क है जो डेटा को स्थायी रूप से संग्रहीत करता है, क्योंकि यह एक non-volatile स्टोरेज उपकरण है।इसको कंप्यूटर के सी पि यू के अंदर मदर बोर्ड पर जोड़ा जाता है । डेटा प्लाटर्स पर एक चुंबकीय सिर को घुमाकर लिखा जाता है क्योंकि वे स्पिन करते हैं। कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव पर ज्यादातर उस कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम और ऍप्लिकेशन्स को स्टोर किया जाता है और इसके साथ साथ यूजर का अन्य डाटा स्टोर होता है।
हार्ड ड्राइव के घटक:
हार्ड ड्राइव के मुख्य घटकों में एक हेड एक्ट्यूएटर, रीड / राइट एक्ट्यूएटर आर्म, रीड / राइट हेड, प्लेटर और स्पिंडल शामिल हैं। एक सर्किट बोर्ड, जिसे डिस्क controller या इंटरफ़ेस बोर्ड कहा जाता है, जो हार्ड ड्राइव के पीछे होता है। यह हार्ड ड्राइव को कंप्यूटर के साथ communicate करने की अनुमति देता है।
2) Solid-state Drive (सॉलिड स्टेट
ड्राइव)
एक SSD (सॉलिड-स्टेट
ड्राइव) एक प्रकार का नॉन वोलेटाइल स्टोरेज मीडिया है जो सॉलिड-स्टेट फ्लैश मेमोरी
पर लगातार डेटा स्टोर करता है। दो प्रमुख घटक एक एसएसडी बनाते हैं: एक फ्लैश नियंत्रक
और फ्लैश मेमोरी चिप्स। SSD कंट्रोलर के आर्किटेक्चरल
कॉन्फ़िगरेशन को क्रमिक और यादृच्छिक डेटा अनुरोधों के लिए उच्च पढ़ने और लिखने के
प्रदर्शन के लिए अनुकूलित किया गया है। SSD को कभी-कभी फ्लैश ड्राइव या सॉलिड-स्टेट
डिस्क के रूप में जाना जाता है
एक हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) के विपरीत, एक SSD के पास टूटने या ऊपर या नीचे स्पिन करने के लिए कोई चलित भाग नहीं है। एक पारंपरिक एचडीडी में एक धूमने वाली डिस्क होती है जिसमें मैकेनिकल आर्म पर एक रीड / राइट हेड होता है जिसे एक्टुएटर कहा जाता है। HDD तंत्र और हार्ड डिस्क को एक एकीकृत इकाई के रूप में पैक किया गया है। व्यवसायियों और कंप्यूटर निर्माताओं ने अपनी निचली इकाई लागत और उच्च औसत स्थायित्व के कारण ऐतिहासिक रूप से कताई डिस्क का उपयोग किया है, हालांकि SSDs अब डेस्कटॉप और लैपटॉप पीसी में आम हैं।
3) सीडी ड्राइव (CD Drive)
सीडी का उपयोग डेटा स्टोर करने के लिए किया जाता है, जिसे भविष्य में यूज़ किया जा सकता है। इस प्रकार, कॉम्पैक्ट डिस्क में सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम लोड कर सकते हैं जिन्हे बाद में एक कंप्यूटर से दुसरे में ले जाया जा सकता है । यहां तक कि, सीडी में विंडोज फाइलें भी संग्रहीत की जाती हैं, जिसे कंप्यूटर पर इनस्टॉल किया जा सकता है। इसके अलावा, कॉम्पैक्ट डिस्क पर संग्रहीत फ़ाइलों को अन्य कंप्यूटरों में स्थानांतरित किया जा सकता है, जिसके माध्यम से आप सभी फ़ाइलों का बैकअप बना सकते हैं।
CD की
विशेषताएं
- बॉटम मैं एक पॉली कार्बोनेट
डिस्क परत में pits बनाकर एन्कोड किया गया डेटा है।
- पॉली कार्बोनेट डिस्क परत एक
पतली लेपित एल्यूमीनियम परत के साथ होती है जो लेजर सतह से रिफ्लेक्ट
होती है।
- नीचे की परतों काऑक्सीकरण रोकने के लिए परावर्तक एल्यूमीनियम लेपित किया जाता है। यह आम तौर पर परावर्तक परत के शीर्ष पर सीधे लेपित होता है।
CD ड्राइव को चार भागों में बांटकर अध्यन कर सकते हैं –
- CD-ROM (कॉम्पैक्ट डिस्क -
रीड ओनली मेमोरी) - इन सीडी पर डेटा निर्माता द्वारा रिकॉर्ड
किया जाता है। सॉफ्टवेयर, ऑडियो या वीडियो सीडी-रोम पर जारी किए जाते
हैं।
- CD-R (कॉम्पैक्ट डिस्क -
रिकोर्डेबले ) - डेटा को उपयोगकर्ता द्वारा सीडी-आर पर एक बार
लिखा जा सकता है। इसे बाद में हटाया या संशोधित नहीं किया जा सकता है।
- CD-RW (कॉम्पैक्ट डिस्क - Rewritable) - डेटा को इन ऑप्टिकल डिस्क पर बार-बार लिखा और हटाया जा सकता है।
4) DVD Drive
DVD डिजिटल वीडियो डिस्प्ले है। डीवीडी ऑप्टिकल डिवाइस हैं जो सीडी द्वारा रखे गए डेटा को 15 गुना स्टोर कर सकते हैं। वे आमतौर पर समृद्ध मल्टीमीडिया फ़ाइलों को संग्रहीत करने के लिए उपयोग किए जाते हैं जिनकी उच्च भंडारण क्षमता की आवश्यकता होती है। डीवीडी भी तीन किस्मों में आती हैं - रीड ओनली ,रेकॉर्डबल, रीराइटेबल
5) पेन ड्राइव: (Pen Drive) (Flash Drive)
यह एक यूएसबी फ्लैश ड्राइव है, जिसे यूएसबी स्टिक, यूएसबी थंब ड्राइव या पेन ड्राइव के रूप में भी जाना जाता है। जब कोई उपयोगकर्ता USB पोर्ट में फ्लैश मेमोरी कार्ड प्लग करता है, तो एक ड्राइव का चिह्नः दिखता है।
6) एसडी कार्ड: (SD Card:)
एसडी कार्ड का मतलब है सिक्योर डिजिटल कार्ड। यह अक्सर पोर्टेबल और मोबाइल उपकरणों जैसे स्मार्टफोन और डिजिटल कैमरों में उपयोग किया जाता है। आप इसे अपने डिवाइस से हटा सकते हैं और कार्ड रीडर वाले कंप्यूटर का उपयोग करके इसमें Stored चीजों को देख सकते हैं।
एसडी कार्ड के अंदर कई मेमोरी चिप्स हैं जो डेटा को स्टोर करते हैं । एसडी कार्ड समान नहीं बनाए गए हैं, इसलिए वे गति, भौतिक आकार और क्षमता के मामले में एक-दूसरे से भिन्न हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, स्टैण्डर्ड एसडी कार्ड, मिनी एसडी कार्ड, माइक्रो एसडी कार्ड
7) Blu Ray Disk (ब्लू रे डिस्क)
ब्लू रे डिस्क (बीडी) एक ऑप्टिकल स्टोरेज मीडिया है जिसका उपयोग HD वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया फाइल को स्टोर करने के लिए किया जाता है। सीडी / डीवीडी की तुलना में ब्लू रे डिस्क कम तरंग दैर्ध्य लेजर किरणों का उपयोग करता है। यह डिस्क पर अधिक डेटा में स्टोर होता है। BDs 128 जीबी डेटा तक स्टोर कर सकता है।
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